‘ईश्वरीय कण’ की मूल परिकल्पना भारतीय की
ब्रह्मांड अति विशाल है। उसमें अतिविशाल आकाशगंगाएं, तारे, सूक्ष्म रेत-धूलि कण और उनमें अदृश्य परमाणु है। परमाणु में भी शक्ति...
ब्रह्मांड अति विशाल है। उसमें अतिविशाल आकाशगंगाएं, तारे, सूक्ष्म रेत-धूलि कण और उनमें अदृश्य परमाणु है। परमाणु में भी शक्ति...
शाहंशाह, जिल्ले सुभानी, बादशाह अकबर छोटे दरबार में बिराजे थे। वहां एक समस्या पर विचार चल रहा था। बात स्वयं...
विमान विद्या के क्षेत्र में आज भले हमने उड़ान भरी हो, लेकिन इसके तंत्र को महर्षि भारव्दाज ने हजारों साल...
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