नागरिकों में “स्व” का भाव जगाना आवश्यक
भारत में अब “स्व” पर आधारित दृष्टिकोण को लागू करने की सख्त आवश्यकता है। जापान, इजरायल, ब्रिटेन, जर्मनी आदि देशों ने भी अपने नागरिकों में “स्व” का भाव जगाकर ही अपने आपको विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। भारत सहित उक्त चारों देशों ने भी एक तरह से वर्ष 1945 के द्वितीय विश्व युद्ध अथवा इसके पश्चात ही विकास प्रारम्भ किया है। भारत चूंकि वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अपने नागरिकों में “स्व” का भाव जागृत नहीं कर सका अतः वह आज भी विकासशील देश की श्रेणी में संघर्ष कर रहा है। “स्व” आधारित दृष्टिकोण के अभाव में भारत को आज जिस स्थान पर पहुंच जाना चाहिए था, वहां नहीं पहुंच सका है। अतः भारत को यदि पुनः विश्व गुरु बनना है तो अपने नागरिकों में “स्व” का भाव जगाना ही होगा। यह संकल्प आज हम सभी नागरिकों को लेना चाहिए।