गौरेया दिवस: कहाँ गये वो पक्षी प्यारे, कहां गई वो गौरैया
कहाँ गये वो पंक्षी प्यारे, कहां गई वो गौरैया। चूं चूं सुन मेरा मन बोले ता ता थैया थेया।। किस बात से तुम गुस्साई, किस बात से घबराई हो। मिलोगी जिस दिन तुम, पूछेंगे तुमसे सब पापा भैया।। घर के छत पर आने से घर की रंगत बढ़ जाती थी।…