मंदिर में घंटे… हमारे दिमाग के लिए “एन्टीडोट्स”

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इस तरह... जब घंटे को बजाया जाता है तो.... उसकी ध्वनि हमारे .... दिमाग में दोनों भागों ( दाहिना और बांया अर्थात चेतन और अवचेतन) मस्तिष्क पर असर डालती है.  और... हमें तनावमुक्त कर देती है... साथ ही... इसके सात सेकेण्ड तक रहने वाली प्रतिध्वनि.... हमारे शरीर में मौजूद सातों चक्र को भी जागृत कर देती है.... जिससे हम तरोताजा महसूस करने लगते हैं. इस तरह... मंदिर में मौजूद घंटे.... हमारे दिमाग को तनाव रहित कर... शरीर को तरोताजा बनाती है. दूसरे शब्दों में... मंदिर में मौजूद घंटे... हमारे दिमाग के लिए ""एन्टीडोट्स"' का काम करती है.

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