अध्यापकों की सीधी भर्ती से शिक्षा में सुधार

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योजना के प्रारूप के अनुसार, इन विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर विज्ञान, अभियांत्रिकी, मीडिया, साहित्य, उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान, ललित कला, लोकसेवा और सशस्त्र बल आदि क्षेत्रों में नियुक्ति दी जाएगी। इस नीति को सितंबर माह में 'प्रोफेसर आफ प्रैक्टिसÓ (पेशेवर प्राध्यापक) रूप में अधिसूचित किया जाएगा। पीएचडी जैसी पात्रता भी अनिवार्य नहीं रह जाएगी। शिक्षण संस्थानों में स्वीकृत कुल पदों में से दस प्रतिशत पदों की नियुक्ति इस योजना के अंतर्गत की जाएगी। फिलहाल देशभर में पत्रकारिता के विवि में अनेक पेशेवर पत्रकार इसी आधार पर अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।   

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