हठयोग के साधक मेढ़को की महानिद्रा
बरसात का मौसम समाप्त होते ही मेढ़क जमीन के भीतर से चार से सात फीट गहरे बिल में महानिद्रा में लीन होने लगते हैं। मेढ़क का फुफ्सुस आदिम स्थिति में होने के कारण श्वसन क्रिया के लिए वह पूरा नहीं पड़ता।
बरसात का मौसम समाप्त होते ही मेढ़क जमीन के भीतर से चार से सात फीट गहरे बिल में महानिद्रा में लीन होने लगते हैं। मेढ़क का फुफ्सुस आदिम स्थिति में होने के कारण श्वसन क्रिया के लिए वह पूरा नहीं पड़ता।