राष्ट्र गौरव का अमृत पर्व
कई दशकों के संघर्ष और तमाम क्रांतिकारियों के साहस के परिणामस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हम अपने देश के बड़े भू-भाग पर अपनी इच्छानुसार शासन और अन्य व्यवस्था को स्थापित करने का अधिकार प्राप्त कर सके। इसलिए स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हम सबमें दिखने वाला उत्साह, देश में उत्सव जैसा वातावरण, अत्यंत स्वाभाविक व उचित ही है। स्वतंत्रता के इस अमृत महोत्सव पर अत्यंत आनंद और गौरव की भावना से ओतप्रोत डॉ. मोहनराव भागवत का आलेख...