महिला अधिकार भारत से पीछे है अमेरिका
विश्व के किसी भी देश में मानवाधिकार उल्लंघन की छोटी सी घटना होते ही अमेरिका उस देश मात्र को मानवाधिकार नियमों की घुट्टी पिलाने लगता है जबकि अपने यहां महिलाओं और अश्वेतों के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों और उनके अधिकारों के प्रति आंख मूंद लेता है। वहां पर महिलाओं की दशा को बताने के लिए इतना ही काफी है कि कोई भी महिला अभी तक राष्ट्रपति के पद तक नहीं पहुंच पाई है।