ठोकर लगी और मिल गए भगवान

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ठोकर लगते ही उज्बेकिस्तान की शाख नोज उल्टे मुँह जमीन पर गिरते-गिरते बची, क्योंकि उसे उसकी सहपाठी याना, जो मास्को की रहने वाली थी, ने पकड़ कर संभाल लिया था। ‘‘जब भी हम इस पवित्र जगह पर आते हैं तो सीढ़ियों के इस टेढे़ मेढ़े पत्थर से हर किसी को…

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