समाज में बढ़ती दुष्प्रवृत्तियाँ, हमारी जिम्मेदारी कितनी ?
संपूर्ण मनुष्य जाति एक ही सूत्र में बंधी हुई है । विश्वव्यापी जीव तत्व एक है । आत्मा सर्वव्यापी है । जैसे एक स्थान पर यज्ञ करने से अन्य स्थानों का भी वायुमंडल शुद्ध होता है और एक स्थान पर दुर्गंध फैलने से उसका प्रभाव अन्य स्थानों पर भी पड़ता…