राष्ट्र और संस्कृति के लिये समर्पित जीवन और बलिदान

Continue Readingराष्ट्र और संस्कृति के लिये समर्पित जीवन और बलिदान

दसवें सिख गुरु गोविन्द सिंह जी की गणना यदि हम अवतार की श्रेणी में करें तो अनुचित न होगा। उनका पूरा जीवन भारत राष्ट्र, सत्य, धर्म और संस्कृति की रक्षा केलिये समर्पित रहा । मानों वे इस राष्ट्र के लिये ही संसार में आये थे । उन्होंने मुगल सल्तनत द्वारा…

संगीत का तराना ताना-रीरी

Continue Readingसंगीत का तराना ताना-रीरी

प्रायः हम बहुत से लोकश्रुत कथानकों से अनभिज्ञ होते हैं। इतिहास में छेड़छाड़ और विकृतिकरण से संगीत भी अछूता नहीं रहा है। इसके फलस्वरूप संगीत के ग्रंथों में परस्पर विरोधाभास  नें आज संगीत के छात्रों के सम्मुख बड़ा ही भ्रमात्मक स्थिति उत्पन्न कर दिया है.ग्रंथों में इतने मतभेद हैं की…

कुंवर उदय सिंह के लिए पन्नाधाय का बलिदान

Continue Readingकुंवर उदय सिंह के लिए पन्नाधाय का बलिदान

महाराणा प्रताप की वीरगाथा तो सभी को पता है उनकी कविताएं और कहानियां भी बहुत मशहूर है जिन्हे सुन आज भी रक्त में ज्वार उठने लगता है। महाराणा उदय सिंह उसी वीर सपूत के पिता थे। महाराणा उदय सिंह का जन्म 4 अगस्त 1522 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ दुर्ग में हुआ था।…

End of content

No more pages to load