‘आनंदमठ’ हिन्दुओं की संघर्षगाथा

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बंकिम बाबू रचित "आनंदमठ" बंगाल के दुर्भिक्ष और आक्रांता राज के शोषण के कालखंड की सत्यकथा है, जिसे अक्सर लोग "संन्यासी विद्रोह" कहकर भी पुकारते हैं; मगर मेरी दृष्टि में यह संन्यासी आंदोलन या विद्रोह नहीं था बल्कि यह कालखंड "संन्यासी जागरण" था। जिसमें जाग्रत सन्यासियों ने अपने तेज से बाकी समाज…

जयंती विशेष: बंकिमचंद्र चटर्जी का देश के लिए योगदान

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  बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म 27 जून 1838 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हुआ था उन्हे लोग बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के नाम से भी जानते थे।बंकिम चटर्जी एक कवि, उपन्यासकार, गद्यकार और पत्रकार जैसी प्रतिभा के धनी थे। भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् उनके…

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