चिरस्थायी संपदा – “चरित्र-निष्ठा”‼️

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"चरित्र" ही जीवन की आधारशिला है । "भौतिक" एवं "आध्यात्मिक" सफलताओं का मूल भी यही है । "विश्वास भी लोग उन्हीं का करते हैं, जिनके पास "चरित्र" रूपी सम्पदा है ।" वस्तुतः "चरित्र" मनुष्य की मौलिक विशेषता एवं उसका निजी उत्पादन है । व्यक्ति इसे अपने बलबूते विनिर्मित करता है…

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