शिक्षा का हो भारतीयकरण
शिक्षा किसी भी समाज एवं राष्ट्र की रीढ़ होती है। उसी पर उस राष्ट्र एवं वहां की पीढ़ियों का संपूर्ण भविष्य निर्भर करता है। शिक्षा के माध्यम से ही राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक मूल्यबोध विकसित किए जाते हैं और निश्चय ही ऐसा किया भी जाना चाहिए। पारस्परिक एकता, शांति, सहयोग एवं सौहार्द्र की…