ब्रज की होली

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ब्रज में होली की मस्ती में धुलेंडी से लेकर चैत्र कृष्ण दशमी तक जगह- जगह चरकुला नृत्य, हल नृत्य, हुक्का नृत्य, चांभर नृत्य एवं झूला नृत्य आदि अत्यंत मनोहारी नृत्य भी होते हैं। चैत्र कृष्ण तृतीया से लेकर चैत्र कृष्ण दशमी तक निरंतर सात दिनों तक ब्रज के प्रायः समस्त मंदिरों में फूलडोल की छटा छाई रहती है।

पी.डी.झा की रेखाओं और रंगो में उतरे कालिदास

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भारत के प्राचीन महानतम संस्कृत के महाकवि साहित्यकार कालिदास मध्यप्रदेश की उज्जयनी नगरी से जुड़े और सर्वकालिक श्रेष्ठतम रचनाओं की सृजित किया, महाकवि कालिदास को अपने अनुपम साहित्य की कई अनोखी विशेषताओं में से एक अर्थात् उपमा के लिये संपूर्ण विश्व में सर्वोच्च स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया है।

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