दुनिया प्रवचन से नहीं आचरण से बदलेगी
हम दुनिया को बदलने की सोचते रहते हैं, चाहते हैं कि संसार से में से बुराई घटे और अच्छाई फैले। इस कार्य की पूर्ति के लिए आमतौर से सभा-सम्मेलन करने की, प्रवचन-व्याख्यान करने की, लेख लिखने और अखबार छापने की बात सोची जाती है, कुछ प्रचारात्मक, प्रदर्शनात्मक कार्यक्रम भी बनते…