स्वाभिमान शून्य नेतृत्व
स्वाभिमान का अर्थ स्वत्व को पहचान कर व्यवहार करना होता है। जिस स्वाभिमान के कारण नयी ऊर्जा का संचार होता है, ऐसे स्वाभिमान को अभिमान भी कहते हैं, यह स्वाभिमान व्यक्ति, समाज और राष्ट्र इन सभी में होना जरूरी होता है।
स्वाभिमान का अर्थ स्वत्व को पहचान कर व्यवहार करना होता है। जिस स्वाभिमान के कारण नयी ऊर्जा का संचार होता है, ऐसे स्वाभिमान को अभिमान भी कहते हैं, यह स्वाभिमान व्यक्ति, समाज और राष्ट्र इन सभी में होना जरूरी होता है।
‘‘भारत के इतिहास में इतना सशक्त प्रधानमंत्री आज तक नहीं हुआ, जितने कि हमारे मनमोहन सिंह है।’’ भोलाराम ने कहा। ‘‘क्या प्रमाण है?’’