बदलती पत्रकारिता

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नारायण दत्त तिवारी ने उत्तराखंड में न जाने कितने अनपढ़, गैर पेशेवरों को दो-दो पेजों के अखबार खुलवा दिए। तिवारी काल में लोग मुख्य मंत्री के पास गए और एक विशेष किस्म से उन्हें तृप्त कर मोटे-मोटे विज्ञापनों के आदेश जारी करवा लाए। बस यही दौर था जब उत्तराखंड में लोगों ने अखबारों को समाज के आईने के बजाय पैसे कमाने का जरिया समझ लिया।

चौथे स्तंभ की भूमिका पहचाने

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31 दिसम्बर की रात और 1 जनवरी की सुबह, साल बदलने के इस मोड़ पर सारा संसार आनंदोत्सव मनाता है। इस पूरे उत्सव के पीछे केवल आनंद होता है, ऐसा नहीं कहा जा सकता।

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