हनुमान जी और डॉ. हेडगेवार जी की ध्येय साधना
कहा जाता है कि हनुमान जी ने वज्र सदृश अपने नख से पर्वत की शिलाओं पर पूरी राम कथा लिख दी थी। सोचिए वो अकेली रामकथा होती जो उस कवि के द्वारा लिखी गई होती जिसने राम जी और राम चरित का स्वयं साक्षात्कार किया हो। ये देखकर महर्षि वाल्मीकि…