शब्दों के जादूगर-साहिर लुधियानवी
इस तरह के गद्य रूप के गीतों को सुनकर याद आती है पुराने मधुर संगीत की और उन्हें लिखने वाले गीतकारों की। हमारी जैसी पूरी एक पीढ़ी का सांस्कृतिक पोषण इन शायरों की शायरी ने ही किया है। भले ही फिल्मों के लिए लिखा गया हो, परंतु उसमें काव्य भरपूर हुआ करता था।