भारत में उत्साहपूर्वक मनाएं नवसंवत्सर

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भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति के अनुसार फागुन और चैत्र माह वसंत ऋतु में उत्सव के महीने माने जाते हैं। चैत्र माह के मध्य में प्रकृति अपने श्रृंगार एवं सृजन की प्रक्रिया में लीन रहती है और पेड़ों पर नए नए पत्ते आने के साथ ही सफेद, लाल, गुलाबी, पीले, नारंगी,…

हमारी संस्कृति, सभ्यता और नववर्ष का उत्साह

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  दुनिया का नया साल और हिन्दू सभ्यता के नए साल में अंतर है। हमारा नव संवत्सर हमारी संस्कृति, सभ्यता, मौसम के बदलाव और ग्रह- नक्षत्रों की चाल से जुड़ा है। देखा जाए तो किसी सभ्यता का अपनी संस्कृति से जुड़ाव का ये सबसे सही उदाहरण है। कहा जा सकता…

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा : हिंदू नववर्ष का महत्व

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प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक दिवस : प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के लिये चुना। लंका विजय के पश्चात विभीषण और सुग्रीव के साथ। पुष्पक विमान द्वारा विदेहकुमारी सीता को वन की शोभा दिखाते हुए योद्धाओं में श्रेष्ठ श्रीरामचन्द्र जी ने…

आओ मनाएं नया साल विक्रम सम्वत् 2069

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भारतीय संस्कृति श्रेष्ठता की उपासक है। जो प्रसंग समाज में हर्ष व उल्लास जगाते हुए एक सही दिशा प्रदान करते हैं उन सभी को हम उत्सव के रूप में मनाते हैं। राष्ट्र के स्वाभिमान व देश प्रेम को जगाने वाले अनेक प्रसंग चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से जुड़े हुए हैं। यह वह दिन है जिस दिन से भारतीय नव वर्ष प्रारंभ होता है।

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