युद्ध, और फिर आर्थिक मंदी में आशा की किरण “भारत”

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कोरोना महामारी के कारण प्रभावित वैश्विक माँग–आपूर्ति श्रृंखला अभी पटरी पर लौट ही रही थी कि रुस-यूक्रेन युद्ध ने अनिश्चितताओं को एक बार फिर बढ़ा दिया है। ज्ञातव्य है कि वैश्वीकरण के दौर में प्रत्यक्ष युद्ध दो देश ही लड़ते है लेकिन उसका आर्थिक प्रभाव वैश्विक होता है। अमेरिका सहित नाटो देशों द्वारा रुस पर आर्थिक प्रतिबन्धो की छड़ी लगा दी।

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