रामदास आठवले और कुछ जातक कथाएं
कार्य आज नेतृत्व करने वाले नेताओं को करना होगा। उन्होंने आपस में समन्वय, सामंजस्य और सहयोग किया, आपस में एक-दूसरे से प्रेम किया और अपने-अपने अनुयायियों में विजय के प्रति विश्वास पैदा किया तो आने वाले समय में यह कथा निश्चित ही चरितार्थ होगी।