सत्य बनाम हिंसा का संघर्ष…

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यदि दुनिया भर के नेताओं ने आलोचक मुसलमानों-रुश्दी, तसलीमा, अयान हिरसी, वफा सुलतान आदि को सहयोग-सम्मान दिया होता तो मुस्लिम समाज में आत्मावलोकन गतिवान होता। इसके बजाय कट्टरपंथियों को ही बढ़ावा दिया गया है। यह कुछ ऐसा है, मानो सरकारी वकील अभियुक्त की पैरवी कर रहा हो, परंतु जैसे भारत समेत सारी दुनिया में लोकतांत्रिक नेताओं द्वारा समाजवाद का झंडा उठा लेने के बावजूद उसका झूठ, कपट, हिंसा और नकारापन अंतत: बेपर्दा हुआ, वैसा ही राजनीतिक इस्लाम के साथ भी होने वाला है। कालगति 'सत्यमेव जयते' ही स्थापित करने की दिशा में है। हिंसा या सत्ता का बल इसे अधिक समय तक नहीं रोक सकेगा।

सांप का मतलब सांप होता है

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उदयपुर की घटना को लेकर मेरा मन बहुत व्यथित है इसीलिए आज बहुत ज्यादा कुछ लिखने की इच्छा नहीं हो रही है।

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