सांप का मतलब सांप होता है

उदयपुर की घटना को लेकर मेरा मन बहुत व्यथित है इसीलिए आज बहुत ज्यादा कुछ लिखने की इच्छा नहीं हो रही है।

क्योंकि, ये कोई पहली घटना नहीं है और इसके पहले लखनऊ में भी भाई कमलेश तिवारी के साथ ऐसा हो चुका है।

और, दोनों ही घटनाओं में एक समानता है कि दोनों जगह मोमिन या तो दोस्त या फिर ग्राहक बनकर आये और घटना को अंजाम दिया।

तो… मेरा एक बहुत सी मासूम सा सवाल है कि…

चलो, एक बार मैं मान लेता हूँ कि हर मोमिन वैसा नहीं होता है।

लेकिन, मुसीबत ये है कि हम कैसे पहचानेंगे कि कौन सा मोमिन कैसा है ??

अब… किसी के माथे पर लिखा तो नहीं रहता है कि… ये वाला मोमिन वैसा नहीं बल्कि ऐसा है।

क्योंकि, फिर तो कोई घर का AC , फ्रिज आदि ठीक करने अथवा जोमैटो अथवा स्विगी से खाना पहुंचाने आएगा और ऐसी घटना को अंजाम दे जाएगा।

इसीलिए … अब इसका मतलब तो यही हुआ कि अगर किसी को अपने जान माल की सलामती चाहिए तो वो हर प्रकार के मोमिन से पर्याप्त दूरी बनाकर रखे।

न हम मोमिन के संपर्क में आएंगे और न ही ऐसी घटना होगी।

जैसे कि लोग सांपों के संदर्भ में करते हैं कि… वे इस चक्कर में नहीं पड़ते हैं कि कौन सांप जहरीला है और कौन नहीं..

बस, उनके लिए सांप का मतलब… सांप होता है… चाहे वो ऐसा हो या वैसा हो।

या फिर, इसका दूसरा उपाय यह है कि… इस घटना का देशव्यापी रूप से विरोध किया जाए।

धरना-प्रदर्शन कर इस घटना का तीव्र विरोध जताया जाए।

लेकिन… इसके लिए हमें एक देशव्यापी नेटवर्क की आवश्यकता है।

परंतु… मुसीबत यह है कि… जिस संस्था/संगठन के पास ऐसा देशव्यापी नेटवर्क है…

उसे मजबूत करने की जगह तो हमारा हिनू समुदाय दिन भर गालियाँ देकर उसे खुद ही कमजोर करने में लगा है।

तो फिर विरोध करेगा कौन और कैसे ???

अपने ही संगठन को दिन-रात गालियां देकर उसे कमजोर बनाने वाले ज्ञानी जन मुझे जरूर बताएँ कि बिना एक मजबूत संगठन के वे ऐसी स्थिति से कैसे निपटेंगे ??

 

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