पोलेंड आज भी नहीं भुला भारत का उपकार

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दूसरे विश्व युद्ध के समय, पोलेंड पुरी तरह तबाह हो गया था, सिर्फ औरते और बच्चे बचे थे बाकी सब वहां के पुरुष युद्ध मे मारे गए थे, पोलेंड की स्त्रियों ने पोलेंड छोड़ दिया क्योंकि वहां उनकी इज्जत को खतरा था, तो बचे खुचे लोग और बाकी सब महिलाए…

कोंकण के कोहराम में पालनहार बने स्वयंसेवक

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महाराष्ट्र के अधिकतर इलाके पानी में डूबे हुए है और जन धन की हानि हो रही है। मौसम विभाग के आंकड़े बताते है कि सन 2005 के बाद यह पहली बार है जब इतनी वर्षा हो रही है। पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण इलाके में करीब 70 वर्ष बाद यह बारिश…

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