शोक और मृत्यु के भय से परे वास्तविक उद्देश्य

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राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प ) के काटने से मृत्यु होने का एक दिन शेष रह गया, तब भी राजा परीक्षित का शोक और मृत्यु का भय दूर नहीं हुआ। अपने मरने की घड़ी निकट…

स्कूलों में भगवत गीता की पढ़ाई हो अनिवार्य!

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गीता उस महाभारत का हिस्सा है जिसका युद्ध 18 दिनों तक चला था और इस युद्ध ने इतिहास रच दिया लेकिन इस युद्ध के बीच से निकली यह गीता हमें नैतिकता, समाज कल्याण और हमारे कर्तव्यों के बारे में बताती है। गीता हमें यह बताती है कि हमें समय समय…

ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है भगवान का शरणागत

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निर्मानमोहा जितसङ्गदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः। द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंज्ञै-र्गच्छन्त्यमूढाः पदमव्ययं तत् ।। भावार्थ : जो झूठी प्रतिष्ठा, मोह तथा कुसंगति से मुक्त हैं, जो शाश्र्वत तत्त्व को समझते हैं, जिन्होंने भौतिक काम को नष्ट कर दिया है, जो सुख तथा दुख के द्वन्द्व से मुक्त हैं और जो मोहरहित होकर परम पुरुष के…

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