व्यर्थ न हो पुरखों का बलिदान

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आईएसआई के इशारे पर काम करने वाले समूह सिख्स फॉर जस्टिस के द्वारा झूठ की बुनियाद पर रेफरेंडम 2020 यानि जनमत संग्रह करने का प्रयास किया गया। जनमत संग्रह को सिख समाज ने खारिज कर दिया। इसी प्रकार नवंबर 2021 के प्रथम सप्ताह में लंदन में भी खालिस्तानी समर्थकों के द्वारा जनमत संग्रह करवाया गया, जिसमें लगभग तीन करोड़ पंजाबी जनता के मत लगभग 200 लोग तय करते देखे गए।

शहीदों की याद का एक खास दिन

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देश की आजादी में अहम भूमिका अदा करने वाले क्रांतिकारियों की सूची बड़ी लंबी है, इसी सूची में एक नाम है बारहठ केसरी सिंह। राजस्थान की भूमि के इस सपूत ने देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। क्रांतिकारी बारहठ केसरी सिंह का जन्म 21 नवम्बर,1872 में शाहपुरा के निकट स्थित गांव देवपुरी में हुआ था।

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