प्रतिकूलताओं में धैर्य रखें
अनेक लोग एक छोटी-सी अप्रिय घटना या नगण्य सी हानि से व्यग्र हो उठते हैं और यहाँ तक व्याकुल हो उठते हैं कि जीवन का अंत ही कर देने की सोचने लगते हैं और यदि ऐसा नहीं भी करते हैं तो भविष्य की सारी आकांक्षाओं को छोड़कर एक हारे हुए…