मनोरोगों का कारण हैं द्विमुखी व्यक्तित्व

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"क्रिया", "विचारणा" एवं "भावना" के तीनों ही क्षेत्रों में एकरूपता हो तो मनुष्य असामान्य व्यक्तित्व का स्वामी बन सकता है। इसके विपरीत इन तीनो में एकता न होने पर विकासक्रम अवरूद्घ हो जाता है । सामान्यतया इन तीनों में एकता कम ही स्थापित हो पाती है । प्रायः युग्म दो…

अपनी क्षमताओं को पहचानें

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हर मनुष्य के जीवन में अनेक बार कठिन क्षण आते हैं। यदि वह सूझबूझ से काम ले तो वह हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाकर अपने जीवन को सार्थक बना सकता है।

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