विश्वकवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर

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बंगला और अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से भारत को विश्व रंगमंच पर अमिट स्थान दिलाने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री देवेन्द्रनाथ तथा माता का नाम शारदादेवी था। बचपन से ही काव्य में रुचि रखने वाले इस प्रतिभाशाली…

हिन्दी साहित्य के अमिट हस्ताक्षर रांगेय राघव

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यों तो हिन्दी साहित्य की श्रीवृद्धि में अनेक लेखकों ने योगदान दिया है; पर 17 जनवरी, 1923 को जन्मे रांगेय राघव का स्थान उनमें विशिष्ट है।  वे तमिलभाषी पिता और कन्नड़भाषी माँ की सन्तान थे; पर उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम हिन्दी को बनाया। 15 वर्ष की छोटी अवस्था से…

पंडित सुंदरलाल शर्मा को क्यों कहा गया छत्तीसगढ़ का गांधी?

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  21 दिसंबर 1881 को पंडित सुंदरलाल शर्मा का जन्म छत्तीसगढ़ के चंद्रसूर गांव में हुआ था। सुंदरलाल एक कवि, सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सहित बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उन्हें जन जागरण और सामाजिक क्रांति का दूत भी कहा जाता है। अगर एक लाइन में कहें तो…

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