खेल और व्यक्तित्व विकास
वर्तमान पीढ़ी पूरी तरह घरघुस्सू हो चुकी है। उनका जीवन मोबाइल के छोटे से डिब्बे में सिमटकर रह गया है। तीन पत्ती, पोकर, पेड लूडो जैसी जगहों पर खेल के नाम पर समय बिताते हैं। प्रत्येक परिवार के बड़ों को मैदानी खेलों और मैदानों से दूर भागते बच्चों और युवाओं…