दो भाषण, आशय एक

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संघ के तृतीय वर्ष समापन समारोह को लेकर कांग्रेसी और वामपंथी भले ही हो-हल्ला करते रहे पर उस मंच पर पूर्व राष्ट्रपति ने राष्ट्रवाद और भारत की गौरवशाली परंपरा को याद करते हुए ऐतिहासिक मंतव्य रखा. मोहनजी भगवत के हिंदी में दिए गए और प्रणबदा के अंगरेजी में दिए गए…

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