नहीं रहे बॉलीवुड के ‘कलेंडर’
एक “मासूम” सा दिखने वाला हाँड़-मांस का व्यक्ति सपनों की “मंडी” में आकर “उड़ान” भरने की जिद पालता है और “वो सात दिन” उसकी ज़िन्दगी बदल देते हैं। “सागर” से गहरी उसकी अदाकारी से अवाम “मोहब्बत” करने लगती है। उसका “जलवा” ऐसा बिखरा कि लोगों को उसके होने से “गुदगुदी”…