खुद से खुद की चाहत या प्रसिद्धि पाने का प्रोपोगेंडा

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कुछ साल पहले कंगना रनौत की एक फिल्म 'क्वीन' आई थी!' ये अपनी तरह के अनोखे कथानक वाली फिल्म थी, जिसमें नायिका की शादी ऐन वक्त पर टूट जाती है। लेकिन, हनीमून पैकेज कैंसिल नहीं हो पाता! ऐसी स्थिति में पैसे बेकार जाने के बजाए, वो अकेली ही हनीमून पर…

प्रोपोगेंडा की साधक बनती जा रही पत्रकारिता

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"ना कलम बिकती है, ना कलमकार बिकता है। लिख लिख कर थक जाती है ये उंगलियां तब जाकर कहीं अख़बार बिकता है।" आज पत्रकारिता का दौर बदल गया है। टीआरपी के चक्कर में अब खबरें बनाई और बेची जाने लगी है। एक समय था जब पत्रकार की कलम से अंग्रेजी…

वामपंथी मीडिया : शुतुरमुर्ग या भेड़िया?

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देश में मीडिया का एक वर्ग ऐसा है जिसे आज तक आरएसएस, भाजपा और नरेंद्र मोदी का बढ़ता कद कभी पसंद नहीं आया। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय से इस वर्ग ने हर कदम पर उन्हें असफल घोषित करना शुरू किया जो अब तक जारी है। इसके…

तालिबानी मानसिकता से ग्रसित हैं जावेद अख्तर!

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फिल्म लेखक जावेद अख्तर के बोल एक बार फिर से बिगड़े और उन्होंने तालिबान की तुलना आरएसएस से कर दी हालांकि उनकी इस बदजुबानी की वजह से शिवसेना के मुखपत्र सामना में उनकी कड़ी आचोलना की गई और कहा गया कि आरएसएस की तालिबान से तुलना कभी भी बर्दाश्त नहीं…

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