लोकतांत्रिक चेहरों पर एकशाही की मासूमियत
लोकतंत्र का शिखर तलहटी को थोड़ा-थोड़ी सरकाता रहता है। न बर्फ खिसके, न वोट बैंक। परिवार उठता चला जाए। साधारण ...
लोकतंत्र का शिखर तलहटी को थोड़ा-थोड़ी सरकाता रहता है। न बर्फ खिसके, न वोट बैंक। परिवार उठता चला जाए। साधारण ...
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