“रॉकेट्री- द नम्बी इफेक्ट” से उठते ज्वलंत प्रश्न

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उनकी देशसेवा का उन्हें इनाम मिला वो भी बदनामी, 1994 में पचास दिन की भयानक यातनाओं वाली जेल, पांच वर्ष सुप्रीम कोर्ट की लड़ाई और बदले में केवल पचास लाख का मुआवजा। इसके साथ ही उनकी पत्नी का शॉक के कारण मानसिक रोगी हो जाना। बच्चों का समाज में जीना दूभर हो जाना। इन सबके पीछे मीडिया ने भी गलत खबरें दे-देकर नमक-मिर्च लगाकर और उनके परिवार को जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर किया। फिल्म में उनका एक कथन है- "मैं यातनाएं सह लूंगा लेकिन झूठे आरोपों को नहीं मानूंगा। आगे आप कहेंगे कि बोफोर्स और...भी तुमने ही किया, मान लो"। 2019 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।

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