“रॉकेट्री- द नम्बी इफेक्ट” से उठते ज्वलंत प्रश्न

अभी कुछ दिन पहले “रॉकेट्री- द नम्बी इफेक्ट” देखी। फिल्म देखने के बाद मन में बहुत सारे सवाल खड़े करती है। हमारे समाज से, मीडिया से, तत्कालीन सरकार से, पुलिस से और हमारी इतनी बड़ी संस्थाओं से जो देश और विदेश को उच्च स्तर के वैज्ञानिक दे रही है।
क्या होता है जब किसी भी इज्जतदार व्यक्ति को झूठे केस में फंसाया जाता है? इतनी उच्च शिक्षा और ईमानदारी के बाद भी ऐसे व्यक्ति का ये हश्र? जीवित हैं अभी नम्बी सर इसलिए ज्यादा किसी साक्ष्य की जरूरत नहीं है। जो व्यक्ति इसरो का डायरेक्टर बनने के नजदीक था उसे झूठे केस में फंसाकर क्या हासिल कर लिया? जिसने “विकास रॉकेट इंजन” 1985 में बनाया जिसका इस्तेमाल आज भी हो रहा है। विकास- विक्रम अम्बालाल साराभाई (नम्बी सर के लिए पिता समान)।
कितनी कठिनाइयों से वे विदेशों से तकनीक सीखकर हमारे देश में लाए। अपने देश की सेवा के लिए नासा के करोडों के पैकेज को केवल इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि उन्हें अपने देश के लिए सब कुछ करना था।
उनकी देशसेवा का उन्हें इनाम मिला वो भी बदनामी, 1994 में पचास दिन की भयानक यातनाओं वाली जेल, पांच वर्ष सुप्रीम कोर्ट की लड़ाई और बदले में केवल पचास लाख का मुआवजा। इसके साथ ही उनकी पत्नी का शॉक के कारण मानसिक रोगी हो जाना। बच्चों का समाज में जीना दूभर हो जाना।
इन सबके पीछे मीडिया ने भी गलत खबरें दे-देकर नमक-मिर्च लगाकर और उनके परिवार को जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर किया।
फिल्म में उनका एक कथन है- “मैं यातनाएं सह लूंगा लेकिन झूठे आरोपों को नहीं मानूंगा। आगे आप कहेंगे कि बोफोर्स और…भी तुमने ही किया, मान लो”।
2019 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
सोचने वाली बात है कि आज इसरो ने एक अच्छा डायरेक्टर खो दिया। जो वैज्ञानिक अपने देश के लिए काम करना चाहते हैं, वे शायद इन्हीं कारणों से नासा चले जाते हैं। नम्बी सर पर बहुत गर्व है। आज भी वे काम कर रहे हैं। मेरा सैल्यूट है उन्हें।
आज भी उन्होंने किसी को माफ नहीं किया है। उनका कहना है कि “माफ करने से ये हो जाएगा जैसे मेरा कहीं कुछ हाथ है। इसलिए किसने किया उसकी खोज जारी रहेगी। उसके बाद ही माफ करने की सोच सकूंगा”।
आर माधवन सर से रिक्वेस्ट है कि हिन्दी फिल्म में जितने भी डायलॉग अंग्रेजी में हैं, उन्हें हिन्दी में डब कर दिया जाए या हिन्दी सबटाइटल्स के साथ दिखाया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस फिल्म को देख समझ सकें। इतनी स्तरीय फिल्म बनाने के लिए आपको हार्दिक बधाई

-समीक्षा तेलंग

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