सामाजिक बहिष्कार का प्रभाव
हालांकि अहिंसात्मक आंदोलन का सारा श्रेय गांधी जी को जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है की सत्याग्रह की शुरुआत गांधी जी ने ही की थी। अवध के किसान आंदोलन पूरी तरह सत्याग्रह पर आधारित था। रामचन्द्र जी ने वंचित वर्ग से तालुकदारों के सामाजिक बहिष्कार का आव्हान किया। नतीजा ये हुआ की कोई तालुकदारों के घरो मे पानी पहुंचाने वाला न रहा, कोई उनके दाढ़ी बाल काटने वाला न रहा, कोई उन्हें नदी पार न करा रहा था। इस सामाजिक बहिष्कार का जवाब तालुकदारों ने आर्थिक बहिष्कार से दिया। उन्होने इन मजदूरों को कर्जा देना बंद कर दिया। गरीबी से त्रस्त जनता और बेहाल होती गयी। और अंत मे उनके सब्र का बांध टूट गया।