‘ईश्वरीय कण’ की मूल परिकल्पना भारतीय की

Continue Reading‘ईश्वरीय कण’ की मूल परिकल्पना भारतीय की

ब्रह्मांड अति विशाल है। उसमें अतिविशाल आकाशगंगाएं, तारे, सूक्ष्म रेत-धूलि कण और उनमें अदृश्य परमाणु है। परमाणु में भी शक्ति के मूल एवं आधार कई कण अर्थात झरीींळलरश्री हैं।

End of content

No more pages to load