भारतीय दर्शन कर्म और कर्मफल पर टिका हुआ है
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफल हेतु: भू: ते संग: अस्तु अकर्मणि।। भगवतगीता 2.47 भगवतगीता का यह श्लोक लगभग सभी ...
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफल हेतु: भू: ते संग: अस्तु अकर्मणि।। भगवतगीता 2.47 भगवतगीता का यह श्लोक लगभग सभी ...
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