काश, मैं भी रेखा पार कर लेती!

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बहुत सारी महिलाओं के साथ यह समस्या रही कि यदि समय पर समाज की बेड़ियों को तोड़ने का प्रयास किया होता तो उन्होंने स्वयं के लिए, समाज के लिए और राष्ट्र के लिए बहुत कुछ किया होता। तब शायद इस विश्व की तस्वीर कुछ अत्यधिक उज्ज्वल होती। वे समाज द्वारा…

हजारों अनाथ बच्चों की ‘माई’ सिंधुताई सपकाल

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एक मां के दो, चार या दस बच्चे हो सकते हैं लेकिन हमें एक ऐसी भी मां मिली जिसके हजारों बच्चे है। उस मां ने उन्हें अपनी कोख से जन्म नहीं दिया था लेकिन वह उनकी असली वाली यशोदा मां थी। वह हमेशा अपने बच्चों का ख्याल रखती और उन्हें…

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