व्यापक बुराइयों की चर्चा नहीं समाधान पर कार्य करें

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व्यापक बुराइयों की अधिक चर्चा करने से कुछ लाभ नहीं नहीं । वस्तुस्थिति को हम सब जानते ही हैं । इस चर्चा से चित्त में क्षोभ और संताप ही उत्पन्न होता है । यों भले मनुष्यों का भी अभाव नहीं है वे प्रत्येक क्षेत्र में, बदनाम क्षेत्रों में भी मौजूद…

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