थिंक टैंकरों के बीच

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मैं ठहरा सीधा सरल गंवई इन्सान। थिंक और थिंकिंग से मेरा पूर्व जन्म में भी कोई संबंध नहीं रहा; पर कभी-कभी हालत सांप-छछूंदर जैसी हो जाती है। अर्थात न निगलते बने और न उगलते। परसों भी ऐसा ही हुआ।

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