पल्लू रस्म
यह बात विचारणीय है कि पिता के मरने पर यदि बेटे के सिर पर पगड़ी बांधी जाती है, तो सास के बाद उसकी बहू के सिर पर पल्लू क्यों नहीं रखा जाता? शर्माजी के गांव वालों ने एक रास्ता दिखाया है। इस पर विचार होना चाहिए।
यह बात विचारणीय है कि पिता के मरने पर यदि बेटे के सिर पर पगड़ी बांधी जाती है, तो सास के बाद उसकी बहू के सिर पर पल्लू क्यों नहीं रखा जाता? शर्माजी के गांव वालों ने एक रास्ता दिखाया है। इस पर विचार होना चाहिए।
भारतीय जीवन परंपरावादी है। हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच-विचार कर, ज्ञान-विज्ञान और समय की कसौटी पर सौ प्रतिशत कस कर कुछ परंपराओं का निर्माण किया।
दो महीने के शोर और संघर्ष के बाद लोकसभा चुनाव के परिणाम आ गये हैं। दिल्ली में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभक्तों की सशक्त सरकार बनने जा रही है।
दिल्ली में केजरी ‘आपा’ के नेतृत्व में ‘झाड़ू वाले हाथ’ की सरकार बनी, तो ‘मोदी रोको’ अभियान में लगे लोगों की बांछें खिल गयीं। राहुल बाबा की खुशी तो छिपाये नहीं छिप रही थी।
दुनिया में गद्य और पद्य लेखन कब से शुरू हुआ, कहना कठिन है। ॠषि वाल्मीकि को आदि कवि माना जाता है; पर पहला गद्य लेखक कौन था, इसका विवरण नहीं मिलता।
नवरात्र का पर्व वर्ष में दो बार आता है। आश्विन शुक्ल 1 से प्रारम्भ होने वाले शारदीय नवरात्र की समाप्ति आ. शु. 6 के दिन होती है। इसका अगला दिन विजय दशमी भगवान राम का रावण पर विजय का पर्व है।
मैं ठहरा सीधा सरल गंवई इन्सान। थिंक और थिंकिंग से मेरा पूर्व जन्म में भी कोई संबंध नहीं रहा; पर कभी-कभी हालत सांप-छछूंदर जैसी हो जाती है। अर्थात न निगलते बने और न उगलते। परसों भी ऐसा ही हुआ।
बाबा रामदेव के अनशन से जिनके स्वार्थों फर आंच आ रही थी, ऐसे अनेक नेताओं ने यह टिपफणी की, कि बाबा यदि संत हैं, तो उन्हें अर्फेाा समय ध्यान, भजन और फूजा में लगाना चाहिए। यदि वे योग और आयुर्वेद के आचार्य हैं, तो स्वयं को योग सिखाने और लोगों के इलाज तक सीमित रखें। उन्हें सामाजिक सरोकारों से कोई मतलब नहीं है।