ऐतिहासिक, अद्भुत, etettable!
चालीस साल पहले जब मैं झाबुआ में कलेक्टर था तो हमने लोगों के लिए रोजगार देने की योजना बनाई। लेकिन उसमें जन सहभागिता नहीं थी। सब कुछ हम ही निर्णय लेते थे।
चालीस साल पहले जब मैं झाबुआ में कलेक्टर था तो हमने लोगों के लिए रोजगार देने की योजना बनाई। लेकिन उसमें जन सहभागिता नहीं थी। सब कुछ हम ही निर्णय लेते थे।