*युवा शक्ति का पर्व कांवड़ यात्रा डाक कावड़

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यह डाक कावड़ बिना रुके बिना थके हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव की दूरी यह युवा दौड़ते हुए पूरी करते हैं। यह दौड़ देखने लायक है इस दौड़ में ऐसे युवा भाग लेते हैं जो स्वयं को भारतीय फौज के लिए तैयार कर रहे हैं। सही मायने में देखा जाए तो यह यात्रा भविष्य के होने वाले भारतीय फौज में भर्ती के लिए अपनी तैयारियों को जांचने परखने की यात्रा भी मानी जाती है। जब यह जल लेकर निकलते हैं तो एक लड़का हाथ में जल लिए सबसे आगे दौड़ रहा होता है। उसके बराबर से दो मोटरसाइकिल में दौड़ रही होती है जिनके पीछे और लड़के बैठे होते हैं। जितनी दूरी तक यह पहला लड़का दौड़ सकता है दौड़ता है। जैसे ही वह थकता है तुरंत साथ चल रही मोटर सायकिल से दूसरा लड़का उसके हाथ से जल ले उसके स्थान पर दौड़ने लगता है। इस प्रकार यह एक के बाद एक अपनी पोजीशन बदलते जाते हैं और पूरा लगभग 150 से लेकर 200 तक की दूरी बिना रुके तय करते हैं।

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