युवा बलिदानी अनंत लक्ष्मण कान्हेरे

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भारत माँ की कोख कभी सपूतों से खाली नहीं रही। ऐसा ही एक सपूत थे अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, जिन्होंने देश की स्वतन्त्रता के लिए केवल 19 साल की युवावस्था में ही फाँसी के फन्दे को चूम लिया। महाराष्ट्र के नासिक नगर में उन दिनों जैक्सन नामक अंग्रेज जिलाधीश कार्यरत था।…

वीर सावरकर के प्रखर विचारों की स्वीकार्यता

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निर्भयता, निडरता, निर्भीकता इन सब का पर्यायवाची शब्द हैं – वीर सावरकर। इस सामान्य कद – काठी के व्यक्ति में असामान्य और अद्भुत धैर्य था। अपने ८३ वर्ष के जीवन में वे किसी से नहीं डरे। २२ जून, १८९७ को, जब चाफेकर बंधुओं ने अत्याचारी अंग्रेज़ अफसर रॅंड को गोली…

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