स्वतंत्रता के बाद की पत्रकारिता का परिवर्तनशीलता पर प्रभाव -अन्नासाहेब देसाई

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कल्पना राणे, गोविंद येतयेकर, पंकज दलवी, सोनू श्रीवास्तव, महेश पवार, सुधीर हेगिष्टे का सम्मान। विश्वभरारी फाऊंडेशन-शोधावरी का प्रेस दिवस विशेष कार्यक्रम। आज़ादी से पहले की पत्रकारिता आज़ादी के जुनूनी विचारों से प्रेरित थी, जबकि आज़ादी के बाद की पत्रकारिता परिवर्तनकारी रही है और जनता के मन पर इसका अधिक प्रभाव…

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