- अयोध्या में समतलीकरण के दौरान मिले ऐतिहासिक पत्थर व मूर्तियां
- खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, ब्लैक टच स्टोन व सैंड स्टोन स्तम्भ और शिवलिंग
- राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने दी जानकारी
- कम मजदूरों की कमी से प्रभावित हो रहा राम मंदिर का काम

श्री राम की नगरी अयोध्या एक बार फिर से चर्चा में है लेकिन इस बार यह किसी विवाद की वजह से नहीं बल्कि हजारों साल पुरानी मूर्तियों और धातुओं के मिलने से चर्चा में आयी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह निश्चित हो गया कि अयोध्या में राम मंदिर ( ayodhya ram mandir ) का निर्माण होगा और उसके लिए ही अयोध्या में समतलीकरण का काम जारी है। इसी दौरान जमीन के अंदर से करीब 5 फीट ऊंचा शिवलिंग मिला है इसके साथ ही कई और महत्तवपूर्ण धातु और पत्थर भी मिले है जो यह साबित करते है यहां पहले से ही मंदिर था। वहीं इन पत्थरों के मिलने के बाद से अब सभी तरह खुशी और आशा की किरण देखने को मिल रही है और इसी के साथ यह फिर से सााबित हो गया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला 100 फीसदी सही है।

राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी राम मंदिर काम के दौरान मिले ऐतिहासिक अवशेषों के बाद अब काम की गति और तेज हो गयी है। शुरुआती दौर में सिर्फ लोहे की जालियों को हटाकर जमीन को समतल करने का काम जारी है इसी बीच कुछ पुराने पत्थर, शिवलिंग और कलश के मिलने से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यह अभी आगे और भी मिल सकता है। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि जमीन के सतलीकरण के दौरान कुछ खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, सैंड स्टोन स्तम्भ और 5 फीट बड़ा नक्कासीदार शिवलिंग सहित कई सामान मिले है जिससे यह साबित होता है कि यहां पहले से ही मंदिर था और उसके साथ छेड़ छाड़ किया गया है। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से मिले सामानों की पूरी जानकारी दे दी गयी है हालांकि खुदाई में मिले सामानों की विशेषताओं पर अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

राम मंदिर के काम की शुरुआत तेजी से हुई थी लेकिन लॉक डाउन की वजह से अब इसमे देरी हो रही है क्योंकि महामारी की वजह से ज्यादातर मजदूर अपने गांव चले गये और काम रोकना पड़ा। सरकार का कहना है कि लॉक डाउन में जैसी हो छूट मिलेगी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से कुशल मजदूरों को बुलाया जायेगा।

satyamev jayate
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